विश्वव्यापी साईं दर्शन से प्रेरित होकर डॉ. हरगुलाल गुप्त ने सातवें दशक के मध्य में 'युग-प्रभु साईं' महाकाव्य की रचना आरंभ की। इस महत्वपूर्ण कृति में उन्होंने ट्रिनिडाड, सूरीनाम, गयाना और अन्य देशों के साईं भक्तों की अगाध श्रद्धा को चित्रित किया है, तथा साईं बाबा की असीम करुणा को संपूर्ण विश्व के लिए शांति और एकता के स्रोत के रूप में प्रस्तुत किया है।
About the Author:
डॉ. हरगुलाल गुप्त (जन्म 20 जुलाई 1935, करौरा, बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश) प्रसिद्ध कवि, उपन्यासकार, नाटककार और विद्वान हैं। उन्होंने 1957 से 2000 तक पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज, नई दिल्ली के हिन्दी विभाग में रीडर के रूप में कार्य किया। वे भारत सरकार के राजनयिक पदों पर ट्रिनिडाड, टुबेगो और मॉरीशस में कार्यरत रहे, जहाँ उन्होंने हिन्दी और भारतीय संस्कृति के प्रचार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। लोक साहित्य और कृष्ण-काव्य के विशेषज्ञ के रूप में उन्होंने 22 ग्रंथ, 100 शोध निबंध और अनेक वार्ताएँ प्रस्तुत कीं। उनके साहित्यिक कार्यों को हिन्दी अकादमी, दिल्ली सरकार और कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने सम्मानित किया है।
By:
Dr Hargulal Gupta Imprint: Qurate Books Pvt. Ltd ISBN:9789358986013 ISBN 10: 9358986018 Pages: 214 Publication Date:25 June 2025 Audience:
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Format:Paperback Publisher's Status: Active