कर्मयोग (Karamyog)कर्मयोग में स्वामी विवेकानंद ने निस्वार्थ कर्म को जीवन का मुख्य आधार बताया है। इस ग्रंथ में कर्म के महत्व और उसके परिणामों पर गहन चर्चा की गई है।मुख्य विषय निस्वार्थ कर्म और धर्म।विशेषताएं फल की चिंता किए बिना अपने कर्तव्यों का पालन करने की शिक्षा।कर्म के माध्यम से आध्यात्मिक विकास का मार्ग।सेवा को ईश्वर की पूजा का सर्वोच्च रूप माना गया।
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Swami Vivekanand Imprint: Neelkanth Prakashan Dimensions:
Height: 216mm,
Width: 140mm,
Spine: 6mm
Weight: 145g ISBN:9789361445279 ISBN 10: 9361445278 Pages: 106 Publication Date:01 January 2024 Recommended Age: From 0 to 12 years Format:Paperback Publisher's Status: Active